आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
चलते रहिए..... चलते-चलते कारवाँ बन जाता है। शुभकामनाएँ............प्रीत.www.yuvaam.blogspot.com
चलते रहिए.....
ReplyDeleteचलते-चलते कारवाँ बन जाता है।
शुभकामनाएँ............प्रीत.
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