Tuesday, January 24, 2012



हादसों  से जो डर गया  होगा !
वो तो जिंदा ही मर गया होगा !!

ऐ खुदा जाने कैसी बहशत में !
बात ऐसी वो कर गया होगा !

- कुलदीप अंजुम 

Saturday, January 21, 2012





सिर्फ अमीरों के पास होते हैं ज़ज्बात 
कराहने को चीखने को कह्कहाने को 
उनके पास होते हैं शब्द 
और होती है कमसुखनी 
बात कहने की पूरी सहूलियत 
उनके पास होते हैं अभिव्यक्ति के माध्यम 
कविता ,गजलें , अफसाने और संगीत 
तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है 
कुछ भी तो नहीं है तुम्हारे पास
ऐ मेरे कबीह मजदूर ..

....................
पीलो आंसू और बन जाओ कमखोर !



Saturday, January 14, 2012

सुनो .....

उदास क्यूँ हो तुम .....
एक उचटती नज़र डालो  जरा अपने इतिहास पर 
तो जानोगे की 
तुमने रची है अनेक क्रांतियों की रूपरेखा ...
तोड़ चुके हो कई बार वक़्त का ठहराव 
तुमने हमेशा पैदा किया है नया हौसला 
बदली हैं इंसानी सोच और तोड़े हैं सोच के दायरे 
तुम्हारे खून में है तोडना बंदिशें 
और एक अल्हड़पन ......

व्यापक है बहुत तुम्हारा विस्तार 

सुनो ....
तुम फैले हो रूस  से लेकर लातिन अमरीका  तक 
भारत से लेकर फ़्रांस और क्यूबा तक 
और आजकल तुम मशहूर हो ट्यूनीशिया  से लेकर सीरिया तक 
तुम बसे हो सुकरात से लेकर कन्फ्यूशियस    तक 
रूसो ,वाल्टेयर से मार्क्स तक 
मार्टिन लूथर से लेकर गाँधी तक 
ग़ालिब से लेकर लमही के प्रेमचंद तक .......

और सुनो 
तुमने नहीं छोड़ा कभी भी मुझे एकाकी 
चलते रहे हो साथ हमेशा कदम बकदम बतौर हमसाया 
निराश  मत हो 
मुझे यकीन है तुम 
बदल दोगे दुनिया 
अपनी आखिरी सर्द आह लेते लेते ......
.............
.........
...शब्द असहाय नहीं हो तुम !

- कुलदीप अंजुम