राही फिर अकेला है
आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
Wednesday, December 28, 2011
साईं तेरे द्वार पर , पैसे की भरमार !
साईं तेरे द्वार पर , पैसे की भरमार !
तुम तो फक्कड़ ही रहे , चेले मालामाल !!
- कुलदीप अंजुम
टूट ही जाने दो अब दाम मसीहाई का !
टूट ही जाने दो अब दाम मसीहाई का !
हमसे छुपता ही नहीं जख्म शनासाई का !!
- कुलदीप अंजुम
अजनबी कोई दुख नहीं देते !
अजनबी कोई दुख नहीं देते !
या तो सब कुछ या कुछ नहीं देते !!
- कुलदीप अंजुम
Sunday, December 18, 2011
बहुत मशहूर होते जा रहे हो !
बहुत मशहूर होते जा रहे हो !
ज़मीं से दूर होते जा रहे हो !!
- कुलदीप अंजुम
Saturday, December 17, 2011
अदब क्या है .....
अदब हमारे खून में , अदब हमारी जात !
अदब दबे की हूक है , अदब हक़ों की बात !!
- कुलदीप अंजुम
कविता जीना कितना मुश्किल....!
कविता लिखना कितना आसाँ , कविता जीना कितना मुश्किल !
आंसू रोना कितना आसाँ , आंसू पीना कितना मुश्किल !!
- कुलदीप अंजुम
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