इतिहास में अहिंसा अपंगो का उपक्रम रही !
अमन बुजदिलों का हथियार
तभी तो कबूतर जैसे
मासूम और अपेक्षाकृत कम होशियार
पक्षी को बनाया गया शांति का प्रतीक
कितने काले कारनामों पे
चादर डालकर कहा गया उन्हें महापुरुष
उन्होंने तुम्हे नहीं बक्शा
क्यूंकि तुमने स्वीकार ली
अपनी हर कमी
बापू ! ये हिम्मत का काम था
उदास मत हो
एक अदना कवि जानता है
तुम्हारे नाम को मजबूरी से जोड़ना
कितनी बड़ी मक्कारी है
यकीन मानो
तुम उनमे सबसे हिम्मत वाले हो
मैं जिनसे भी आज तक मिला !
- कुलदीप अंजुम