Sunday, February 26, 2012


तुम्हे मालूम है 
मैंने पा ली है ऊंचाई 
और हो गया हूँ आलोचना से परे 
इसलिए नहीं कि 
मैंने उसूलों को सींचा है उम्रभर 
वरन  इसलिए 
कि मुझे आता है हुनर 
पलटने का 
आंच के रुख के मुताबिक .........!

- कुलदीप अंजुम 

2 comments:

  1. तुम्हे मालूम है
    मैंने पा ली है ऊंचाई
    और हो गया हूँ आलोचना से परे
    इसलिए नहीं कि
    मैंने उसूलों को सींचा है उम्रभर
    वरन इसलिए
    कि मुझे आता है हुनर
    पलटने का
    आंच के रुख के मुताबिक .........! KULDEEP BHAI KAMAAL KAR DIYA HAI.... WAAHH..

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  2. बहुत खूब............

    अनु

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