क्यों याद रखू मैं मधुशाला ?
बच्चन तुम ही मुझको बतलाओ ,
क्यों याद रखू मैं मधुशाला ?
तुम दर्द गरीबो का भूले ,
बस याद रही साकी बाला ?
दुनिया थी भूख से जूझ रही ,
तुम मांग रहे थे क्यों हाला?
कवियों की आंख में आंसू थे?
तुम बैठे थे लेकर प्याला?
फ़िर तुम भी बतलाओ भाई,
क्यों याद रखू मैं मधुशाला?- कुलदीप अन्जुम
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