आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
मार्मिक काव्य रचनाओँ का अच्छा ब्लोग है।सदस्यता ग्रहण कर रहा हूँ।समय मिले तो मेरे ब्लोग पर भी आना भाईhttp://yuvaam.blogspot.com/p/katha.html?m=0
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