Tuesday, April 28, 2009

आम चुनावों की साँझ पर दो शब्द कहता हूँ.....


सुबह को कहते हैं कुछ शाम को कुछ और होता ,
क्या अजब बहरूपिये हैं , हाय ! भारत तेरे नेता


- कुलदीप अन्जुम

1 comment:

  1. मार्मिक काव्य रचनाओँ का अच्छा ब्लोग है।
    सदस्यता ग्रहण कर रहा हूँ।

    समय मिले तो मेरे ब्लोग पर भी आना भाई
    http://yuvaam.blogspot.com/p/katha.html?m=0

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