Wednesday, October 28, 2009

फजूल ही तेरे गम से मुलाक़ात है

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तेरी बेरुखी काम आ जाये तो कुछ बात है
वरना फजूल ही तेरे गम से मुलाक़ात है

- कुलदीप अन्जुम
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