Wednesday, July 8, 2009

कोई बिहारी


अपने घर से दूर
कहीं और कमाते खाते
जब चाहे तब दुत्कारे जाते
बेमौसम पीटे जाते
भगाए जाते
सम्मान से
रहित

अपने रहनुँमाओ द्वारा बिके हुए
सब कुछ सहने को मजबूर
भूख से कुचला हुआ
जमीर लिए
देश के निर्माण को समर्पित
कोई बिहारी

-कुलदीप अन्जुम

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