Monday, May 25, 2009
साहब ये हिंदुस्तान है
दो कौडियों के मोल में बिकता यहाँ इमान है
साहब ये हिंदुस्तान है
मौलवी यहाँ कत्ल करके दे रहा अजान है,
साहब ये हिंदुस्तान है
भूख से मर रहा इस देश किसान है,
साहब ये हिंदुस्तान है
धमाको से आज हर शहर बयाबान है
साहब ये हिंदुस्तान है
धर्म और जाति यहाँ वोट कि दुकान है
साहब ये हिन्दुस्तान है
बोझ के तले दबा आम आदमी हलकान है
साहब ये हिंदुस्तान है
देश के शहीदों का हो रहा अपमान है
साहब ये हिंदुस्तान है
धोखाधडी ही यहाँ हर सियासतदां कि पहचान है
साहब ये हिंदुस्तान है
आज यहाँ गुलशनो से छिन गयी मुस्कान है
साहब ये हिंदुस्तान है
ढल जाओ तो बेहतर है वर्ना मुश्किलें जान है
साहब ये हिंदुस्तान है
देखकर अपना वतन अंजुम हुआ हैरान है
ये कैसा हिंदुस्तान है ?
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