Sunday, June 14, 2009

दिल से कोई इंतकाम नहीं लेता


अब मैं सुबहो शाम तेरा नाम नहीं लेता
करता हूँ फैसले दिमाग से दिल से कोई काम नहीं लेता

भूल जाना ही तुम्हे बेहतर था शायद जिंदगी के लिए
यही सोच कर दिल से कोई इंतकाम नहीं लेता


-कुलदीप अन्जुम

1 comment:

  1. Dilse koyi kya inteqaam lega? Khud dilhee wo kaam kar deta hai..!

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