Friday, August 10, 2012



जिंदगी को आजमाया खो दिया !
ख्वाब से अब दिल लगाये बैठे हैं !!

मंजिलो तक कौन ले जाये मुझे !
रास्ते सब सर झुकाए बैठे हैं !!

गर्मी  बाज़ार को तो देखिये !
सब मसीहा फड लगाये बैठे हैं !!

मेरी आँखों में ही खाली अश्क हैं !
बाकी सब तो मुह छिपाए बैठे है !!

हसरतो ने आके आजिज़ जान दी !
फिर भी हम हिम्मत जुटाए बैठे हैं !!


- कुलदीप अंजुम 

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