आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
हाँ शायद जाने के पहले हिसाब चुकता करने का मौका मिल जाता...वाह.............बहुत बढ़िया......अनु
हाँ शायद जाने के पहले हिसाब चुकता करने का मौका मिल जाता...
ReplyDeleteवाह.............
बहुत बढ़िया......
अनु