Saturday, January 21, 2012





सिर्फ अमीरों के पास होते हैं ज़ज्बात 
कराहने को चीखने को कह्कहाने को 
उनके पास होते हैं शब्द 
और होती है कमसुखनी 
बात कहने की पूरी सहूलियत 
उनके पास होते हैं अभिव्यक्ति के माध्यम 
कविता ,गजलें , अफसाने और संगीत 
तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है 
कुछ भी तो नहीं है तुम्हारे पास
ऐ मेरे कबीह मजदूर ..

....................
पीलो आंसू और बन जाओ कमखोर !



3 comments:

  1. बेहतरीन और बहुत कुछ लिख दिया आपने..... सार्थक अभिवयक्ति......

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  2. Sahi kaha bhai.. kavita ghazlein sangeet, ye sab tab ki paate hain jab pet bhara ho..
    Bahut sateek likha hai bhai..

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  3. ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है

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