सिर्फ अमीरों के पास होते हैं ज़ज्बात
कराहने को चीखने को कह्कहाने को
उनके पास होते हैं शब्द
और होती है कमसुखनी
बात कहने की पूरी सहूलियत
उनके पास होते हैं अभिव्यक्ति के माध्यम
कविता ,गजलें , अफसाने और संगीत
तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है
कुछ भी तो नहीं है तुम्हारे पास
ऐ मेरे कबीह मजदूर ..
....................
पीलो आंसू और बन जाओ कमखोर !
बेहतरीन और बहुत कुछ लिख दिया आपने..... सार्थक अभिवयक्ति......
ReplyDeleteSahi kaha bhai.. kavita ghazlein sangeet, ye sab tab ki paate hain jab pet bhara ho..
ReplyDeleteBahut sateek likha hai bhai..
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
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