Monday, July 6, 2009
मेरे गाँव की ...पगडंडियाँ ............
मुझे याद है अब तलक
वो मेरे....
गाँव की पगडंडियाँ
आडी , तिरछी , बेतरतीब
सरपट दौड़ लगातीं हुयीं
मंजिलों को .......
छूने को बेताब
रास्ते में पड़ती
आम और नीम की
ठंडी छाँव
और धूप में बच्चों के
जलते पाँव
छाव के नीचे पूछना
पथिको का
एक दुसरे का
हाल और चाल
देते हुए
इंसानियत का परिचय
पूरी आत्मीयता के साथ
दिल मिलाने की प्रकिया
बिनामिलाये हाथ
किसी बाबडी के पास
गुड चने की महक
और सत्तू कीसोंधी खुसबू
घोलती है फिजाओं में मिठास
आज भी बुलाती हैं मुझे
मेरे गाँव की ..........
पगडंडियाँ
वो आम की अमराईयाँ
कूकती कोयल
पेडों से लिपटकर
खेलते बच्चे
और फिरअचानक ही......
पके आम के
टपकने की आवाज़
खेल में व्यवधान
और आवाज़ की ओर
एक सरपट दौड़
जिसे ना मिले ......
उसका होना निराश
और करना
इंतजार
चारो तरफ लगाये हुए कान
मुझे याद आ गया
मेरा बचपन .....
वो मेरा आँगन
और वो ...
छमकता
बरसता सावन
आज के
तेज़ सफ़र में
द्रुतगामी ......सडको से
उड़ती हुई धूलने
भर दिए हैं मेरे फेफडे
साँस लेना भी दूभर हो रहा है
इन मैली फिजाओ में
वावडियो की जगह
रेस्टोरेंट्स ने ले ली है
और छाँव की जगह
ऐ .सी. हैं
जहाँ खाना तो बेहतरीन है
पर कोई नहीं .......
पूछने वाला है हाल
ना गुड चने वाली खुसबू
है ना सत्तू की महक
मुझे खिंच लेती हैं
बरबस ही
मेरे गाँव की...........
पगडंडियाँ
और आम की अमरायियाँ
याद करके बचपन
आज भी महक जाता है
"अन्जुम " का मन
- कुलदीप अन्जुम
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ye itnaa behtareen blog padha kyon nahee jaa raha?
ReplyDeleteAapko,'kudeep' kahun, yaa anjum, nahee pata..is rachna ke tehet jo likha hai, wo mujhe apna gaanv yaad dila deta hai...ek kavita,"wo ghar bulata hai.."
Mai to rachna kar bhee nahee...aksar aapko padhne chalee aatee hun...aur phir der der tak padhtee rehtee hun...aapki anusaran karta hun...to khabar milhee jaatee hai...Ye "raahee" hee nahee akelaa, ye 'raah' bhee akelee hai...kya ittefaaq hai...maine apne blog kaa naam" The light by alonely path"rakha tha..chand URL aaj bhee us URL se jude hain..farq itnaa ki, kisee awaanchhit ghatnaa ke chalte maine,uspe likhnaa band kar diyaa..
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shama ji main itni tarif ka haqdar bhi nahi ye to apka badappan hai ki aap mujhe itni tavajjo se padhte hain
ReplyDeleteshukria
maine aapke blog dekhe hain
ReplyDeleteaapne behtrin kam kiya hai vehan
aapne likhna kyon band kar diya?