देवता अब मंदिरों में नही रहते
काश कि इन्सां ये समझ पाता
कि देवता अब मंदिरों में नही रहते
वो तो भटकते फिरते हैं सडको पर बदहवास हालत में
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मयकदों में अब जामे मोहब्बत नही मिलता
पिलाई जाती है यहाँ शराब
तड़पकर मर जाने को -कुलदीप अन्जुम
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