आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
वाह वाह...............चंद लफ़्ज़ों में कहानी कह जाने का हुनर है आपके पास.....बहुत खूब कुलदीप जी.अनु
वाह वाह...............
ReplyDeleteचंद लफ़्ज़ों में कहानी कह जाने का हुनर है आपके पास.....
बहुत खूब कुलदीप जी.
अनु