आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
बेहतरीन......
नवाज़िश विश्वदीपक भाई !!
बेहतरीन......
ReplyDeleteनवाज़िश विश्वदीपक भाई !!
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