राही फिर अकेला है
आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
Tuesday, June 2, 2009
शेर
अक्सर शबे तन्हाई में खुद को अकेला पाया है
बस केवल रुसवाइयों ने मेरा साथ निभाया है
-कुलदीप अन्जुम
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