राही फिर अकेला है
आजा ज़िन्दगी आज फ़िर तुझे पुकारता हूँ मैं , कि राही फ़िर अकेला है...........
Tuesday, May 26, 2009
शेर
शेरो-शायरी की दुनिया में इस्तकवाल करता हूँ ,
शायर हू यारों अल्फाजो से प्यार करता हूँ
- कुलदीप अन्जुम
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